तू अपने, लिखने के सलीके बदल डाल,
हम अपने,पढ़ने के तरीक़े, ईजाद कर लेंगे!
सुना है! अब तू भी,अफवाहें छापने लगा है,
असरार,उकूबत, ज़ुल्मत, का आब-ए-आईना था तू!
(असरार- रहस्य, उकूबत-यातना, ज़ुल्मत,अंधकार)
-SundayAlfaz
गरीबों का हाल जैसा होता है, ठीक उसी प्रकार उ.प्र. रोडवेज बस भी अपनी दासता पर दुखड़ा सुनाते हुए नजर आती है। सीट के अंदर पीले गद्दे दिखाई देते हैं, जैसे कोई पीला सोना लगा हुआ हो। खिड़की के बाहर लोहे की जाली लगी हुई है,उसके सीसे ऐसे हिलते, जैसे कोई उसे अपनी बाहों में इस कदर जकड़ा हुआ हो और वह चाहता है कि कब मैं बाहर निकल जाऊं। इसकी खिड़कियाँ हिलते हुए खनखनाहट की आवाज लगाती हैं, जैसे कोई चूड़ी बेचने वाला सौदागर राह से गुजर रहा हो। जब किसी चंचल-सी सड़क से गुजरती तो इंसान मदमस्त होकर झूला झूलता है। ये अपनी धुन में बलखाती हुई ऐसे हिलते-मिलते नागिन की तरह फूँक मारती हुई आगे बढ़ती है। अगर कोई यात्री किसी बात को लेकर परेशान होता है तो ये उसको झकझोर करके रख देगी और वह अपना गम भी कुछ पल के लिए भूल जाता है। यदि कहीं जाम लग गया तो कोई दिक्कत नहीं, मुस्कुराते रहिए क्योंकि आप सफर कर रहे हैं। इसकी जितनी भी तारीफ की जाए कम ही होंगी। कई वर्षों से मैं देख रहा हूं रोडवेज की वही खस्ताहाल ज़िंदगी न कोई रंगत न ही कोई रोशनी, न कोई रिपेयर ना कोई टाइम, अपने मन से ...
चालीस से ज्यादा छोटे-बड़े गड्ढे जिनमें पानी के जमावड़े और टायर का छपाक से कूद जाना जैसे कोई तैराक तैरने के लिए हाथों को फैला रहा हो। जिधर गड्डा बड़ा हो उधर जाकर खुद को आनन्दित कर रहा हो। कई जगह खेतों में पानी ले जाने के लिए सुरंग खोदी जाती हैं, आने-जाने वाले राहगीरों के मुवायनों के लिए छोड़ दिया जाता है कि शायद इससे भी पर्यटन का विकास हो।और सरकार की आय बढ़े तथा किसानों के हित के बारे में सोचा जाये। सड़क से धुल ऐसे उड़ती हैं मानों वो भी फगुआ के रंग में रंग करके गुलाल उड़ा रहे हो,कई गाड़ियां ओवरटेक करते हुए निकलती हैं मानो, कोई कार या बाईक किसी कम्पटीशन में हिस्सा लिए हो। बारीक कण कई बार आंख में हुडदंग मचा जाती हैं,क्योंकि "बुरा न मानो होली है, भाई" ! Chahniya to Mugal Sarai Road चहनियां से मुगलसराय अर्थात प.दीन दयाल उपाध्याय नगर मार्ग पर मुश्किल है कि 2 से 3 km रोड सही हो,क्योंकि प्रत्येक कॉन्ट्रैक्टर को पंचवर्षीय योजना चलानी पड़ती है,वरना एक बार ढंग का रोड बनाकर भला कौन अपनी पेट पर लात मारे। कैली बाज़ार में रोड पर एक छोटा-सा स्विमिंग तालाब भी बना हुआ है,जिसमें...
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