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Showing posts from February, 2020

Article : गरीबों की बस रोडवेज vs कम्पनी की प्रचार गाड़ी

    गरीबों का हाल जैसा होता है, ठीक उसी प्रकार उ.प्र. रोडवेज बस भी अपनी दासता पर दुखड़ा सुनाते हुए  नजर आती है। सीट के अंदर पीले गद्दे दिखाई देते हैं, जैसे कोई पीला सोना लगा हुआ हो। खिड़की के बाहर लोहे की जाली लगी हुई है,उसके सीसे ऐसे हिलते,  जैसे कोई उसे अपनी बाहों में इस कदर जकड़ा हुआ हो और वह चाहता है कि कब मैं बाहर निकल जाऊं। इसकी खिड़कियाँ हिलते हुए खनखनाहट की आवाज लगाती हैं, जैसे कोई चूड़ी बेचने वाला सौदागर राह से गुजर रहा हो। जब किसी चंचल-सी सड़क से गुजरती तो इंसान मदमस्त होकर झूला झूलता है। ये अपनी धुन में बलखाती हुई ऐसे हिलते-मिलते नागिन की तरह फूँक मारती हुई आगे बढ़ती है। अगर कोई यात्री किसी बात को लेकर परेशान होता है तो ये उसको झकझोर करके रख देगी और वह अपना गम भी कुछ पल के लिए भूल जाता है। यदि कहीं जाम लग गया तो कोई दिक्कत नहीं, मुस्कुराते रहिए क्योंकि आप सफर कर रहे हैं।     इसकी जितनी भी तारीफ की जाए कम ही होंगी।  कई वर्षों से मैं देख रहा हूं रोडवेज की वही खस्ताहाल ज़िंदगी न कोई रंगत न ही कोई रोशनी, न कोई रिपेयर ना कोई टाइम, अपने मन से ...

Article सबकर मज़बूरिये होला vs विकास

विक्रम, आटो का बड़ा भाई कहना यहां गलत नहीं होगा।  जिसमें 17 लोग आड़े-तिरछे बैठे हुए और 3 यात्री का गेट पर खडे होना, साथ में रोड का क्या कहना। जगह-जगह पर सरकारी गड्ढे,जिसमें टायर का ऐसे  बुरा हाल हो जाता है, जैसे बचपन में साइकिल के टायर पर डंडा मारते हुए चलाना, जो बलखाती हुई मदमस्त होकर कभी इधर-उधर चलती थी। चहनियां से मुगलसराय(दीन दयाल उपाध्याय नगर) का सफर न जाने कितने किये खुद को, वादे तोड़ने पर आमादा करता है, कि अब ऐसे सफर नहीं करना,लेकिन मजबूरियों के सामने अक्सर इंसान  अनगिनत किये वादे तोड़ता है। सफर के दौरान आपके पैर या कमर में मोच आये,फर्क नहीं पड़ता। मुझसे जब रहा नहीं गया तो मैंने ड्राइवर को आवाज लगा दी कि...भईया साइड लगाइये...अब बर्दाश्त नहीं होता। गाड़ी रुकती है...लोग ऐसे देखने लगते हैं,जैसे क्रिकेट,फुटबाल का गेम, टीम आपकी वजह से हार गई हो। अब सवाल जवाब का सिलसिला: भइया बीस लोग इसमें बैठे हैं... हद है। जवाब :  सबकर मज़बूरिये होला । सवाल:तो आप उसी मजबूरी का फायदा उठा रहे हैं अब कोई जवाब नहीं... बस लोगों की फुसफुसाहट और दिल की भड़ास कुछ देर तक निकलती हैं और झू...